अक्षय तृतीया का वीषेष संन्देश

अक्षय तृतीया का वीषेष संन्देश

पती पत्नी को सबसे अधीक प्रेम करता है लेकीन तबभी वह सब से
अधीक दुरव्यवहार भी पत्नी से ही
करता है ऐसा क्यो आत्मचींन्तन करे
                   बाबा स्वामी
               २८/४/२०१७

कल के संन्देश का उत्तर है यह मन का भाव है जोशरीर से अधीक सुख
प्राप्त करता है वह शरीर से दुख भी अधीक प्राप्त करता है घडी के पडुलम जैसी स्थीती है जो जीसे प्रेम
अधीक करता है वह उसीसे गुस्सा भी
अधीक करता है
                       बाबा स्वामी

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