✿ गहन ध्यान अनुष्ठान ✿
✿ गहन ध्यान सबके लिए खुला है। आप सभी जुड़ीये पुराने साधक नए साधक सबके लिए खुला है।
✿ 45 दिनों में कम से कम एक दिन के लिए गहन ध्यान में शामिल होना चाहिए।
✿ मैं सभी को चित्त में लेके गहन ध्यान करता हु। गहन ध्यान दौरान मुझे सभी साधको के पास जानेका मौक़ा मिलता है। सबकी स्थिति का पता चलता है।
✿ जो साधक नियमित ध्यान नहीं करते वो भी गहन ध्यान दौरान नियमित ध्यान करते है।
✿ गहन ध्यान दरमियान आश्रम में एक अच्छा वातावरण निर्माण हो जाता है। वहां पे हम जाते है तो एक स्थिति अनायास ही निर्माण हो जाती है। वो स्थिति प्राप्त करने के लिए कोई प्रयत्न करना नहीं पड़ता है।
✿ मैं जिस स्थिति में होता हूं साधक अनायास ही उस स्थिति में चले जाते जाते है। मैं अंदर क्या महसूस कर कर रहा हु, उसकी जानकारी बाहर भी हो। मैं अंदर क्या मिठाईयां खा रहा हु कम से कम बहार उसकी खुशबु तो जाये।
✿ गहन ध्यान दरमियान मेरी पतंग बहुत ऊपर तक जाती है। ये गुरु माँ है कि मुझे नीचे ले आती है।
✿ जब से मैं समाज में आया हु, तब से एक इच्छा रहती थी, छोटा सा साधको का समूह बन जाए जिनको लेके उस सात चक्रों के परे की यात्रा करू। ये इच्छा हि रह गई। संभव नहीं हुआ।
✿ उसका एक रास्ता निकाला, सभी साधको को चित्त में लेके गहन ध्यान करने का, और ये गहन ध्यान का 45 दिनों का प्रयोग एकदम सफल रहां है। सात चक्रों से आगे का रास्ता है, उनको पता चल गया है, दिशा प्राप्त हो गई है।
─━━━━━━⊱✿⊰━━━━━━─
श्री शिवकृपानन्द स्वामीजी
गुरु पूर्णिमा, जूनागढ़
Comments
Post a Comment