••● हम चारों धाम की यात्रा भी कर आते हैं पर अपने "निजधाम" की यात्रा नहीं करते हैं। ••● जाना सभी को "निजधाम" है , जीवन में उसका रास्ता भी नहीं पूछते हैं। ••● एक गाँव की यात्रा करना ...
"भगवान तो विभिन्न है, सद्गुरु भी निमित्य है, वास्तव में मनुष्य भगवान की या गुरू की आराधना करके, भीतर की यात्रा पर जाता है,उस से 2 फायदे होते हैं। एक तो बुरे भावों., बुरे विचारों ...
अब आप किसी भी गुरुशक्तिधाम में जाके , किसी भी हँ, किसी भी गुरुशक्ति धाम में जाके अगर मंगलमूर्ति को साष्टांग नमस्कार करते हो तो एक अनुभूति होगी , आपके बँँकबोन (रिढ की हड्डी) से ...
••◆ मैं तो केवल आपको समय दे सकता हूँ , पर आध्यात्मिक ज्ञान नहीं दे सकता। वह इसलिए नहीं दे सकता क्योंकि वह मैंने मेरे गुरुओं से 'पाया' है , गुरुओं ने मुझे 'दिया' नहीं है। वह मैं भी न...
••● हिमालय की अपनी एक निजी संस्कृति है , एक आभामंडल है , एक वातावरण है। वातावरण अनेक गुरुओं , संतों , महात्माओं , कैवल्यकुंभक योगियों के कारण सदैव बना ही रहता है। हिमालय में जान...
••● कई वर्ष पहले चांदा गाँव में महेश नामक एक गृहस्थ अपने परिवार के साथ रहता था। उसकी पत्नी सती सात्विक स्वभाव की महिला थी। बेटा गणेश पढ़ने-लिखने में बद्धिमान था तथा बेटी सं...
*꧁🌀꧂चैतन्य प्रवाह ꧁🌀꧂* ** *. 💎 मैं कोई भी पूर्व तैयारी करके यहाँ प्रवचन देने नही आता हुँ । सिर्फ़ विश्वचेतना शे जुड़ जाता हुँ औऱ जो भी अंदर से प्रवाहित होता है वह बोलता हुँ ...