चैतन्य प्रवाह
*꧁🌀꧂चैतन्य प्रवाह ꧁🌀꧂*
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*. 💎 मैं कोई भी पूर्व तैयारी करके यहाँ प्रवचन देने नही आता हुँ । सिर्फ़ विश्वचेतना शे जुड़ जाता हुँ औऱ जो भी अंदर से प्रवाहित होता है वह बोलता हुँ मैं मेरे आत्मा से जुड़ जाता हुँ औऱ बाद में बोलता हुँ । यही कारण है की आपको चैतन्य का एहसास होता है । मुझ में औऱ आप में सिर्फ़ यही अंतर है कि मैं अपनी आत्मा से बोलता हुँ परंतु आप आपकी आत्मा से बोल नही सकते । इसीलिए आप सिर्फ़ आपकी आत्मा पर ध्यान दीजिए । दिन में एकबार आत्मा से जुड़े रहने का प्रयास कीजिए .....*
*. !! चैतन्य प्रवाह !!*
*. पन्ना 31/32*
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