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Showing posts from January, 2021

श्री मंगल मूर्ति - 1

💫💫💫💫💫💫💫💫💫 🔅 श्री  मंगल मूर्ति - 1🔅 साधक का प्रश्न (14) :  परमप्रिय सद्गुरु,आपने कहा है - जीवंत  सद्गुरु के बिना आत्मसाक्षात्कार नहीं हो सकता | तो क्या मूर्ति की मदद से आत्मसाक्षात्कार हो सकता है ? स्वामीजी का उत्तर :  आत्मसाक्षात्कार होगा, आप प्रश्न पूछोगे, प्रश्न के उत्तर देगी | माने, जो मैं करता हूँ सब, जो मेरे से प्राप्त करते हो, वह सब उससे प्राप्त होगा | सिर्फ मैं इधर से उधर घूम सकता हूँ, वह नहीं घूम सकती,  बस इतना ही अंतर है | और कम से कम कुछ लोग तो मेरा पीछा छोड़ेंगे |                दूसरा, क्या है, मूर्ति भी झुकने का निमित्तमात्र है | जैसे हम बोलते हैं ना, मैं बोलता हूँ - सर्वत्र परमेश्वर है | सर्वत्र परमेश्वर है, तो मूर्ति में भी यह परमेश्वर है | तो किसी न किसी परमेश्वर के स्वरूप को आप मानकर झुको, यही महत्वपूर्ण है | देखिए, मेरे लिए तो एक पत्थर को चैतन्य देना और मूर्ति को चैतन्य देना समान था | एक साधारण, पड़े हुए पत्थर को भी उतना ही वाइब्रेशन दे सकता हूँ, जितना मूर्ति को देख सकता हूँ | लेकिन आपकी दृष्टि से अलग है | रिसिविंग आपकी मूर्ति से होगी, पत्थर से नहीं होगी | ज

हमारे संबंध 'पूर्वजन्मों' के हैं।

•• आपको जो दिख रहा है वो इस जन्म का है जबकि हमारे संबंध 'पूर्वजन्मों' के हैं। बस मैं जानता हूँ। •• अभी कुछ साधक जान पाए हैं , कुछ नहीं। उन्हें ही वह केवल याद कराने का प्रयास करता हूँ। •• जानने और न जानने के बीच आता है - यह 'शरीर' ! यह 'शरीर' जब छोड़ दूंगा तो सब जान जाएँगे ! ! - परम पूज्य श्री शिवकृपानंद स्वामीजी - स्त्रोत : सद्गुरु के हृदय से

स्वामीजी के नव वर्ष के प्रावचन के मुख्य अंश, अनुसरण हेतु नयी आदतें:

स्वामीजी के नव वर्ष के प्रावचन के  मुख्य अंश, अनुसरण हेतु नयी आदतें: - अब से पानी हमेशा वाइब्रेट कर के ही पीएं ।💧 - प्रसन्न रहें, धन्याद कहें और सभी को निःस्वार्थ प्रेम करें । इस से AURA बढ़ता है ।☺️ - नकारात्मक सामूहिकता का और लोगो का त्याग करें ।🤺 - सदैव सकारात्मक रहें ।😇 - अच्छा कार्य करने के पश्चात सामने से कोई अपेक्षा न रखें । ईश्वर हिसाब रख रहा है ।🙏 - रोज नियमित आधा घंटा ध्यान करें ।🧘🏻‍♂️ 🍂🍃🍁 🎋🌹 🎋🍁 🍃🍂

Swamiji New Year 2021 Highlights

Let us be thankful for protection from the divine. (Context: Protection from bad occurrences including falling sick from the corona virus) There are those who didn’t get to see the sun rise. We will talk about the things to look out for and things we need to be mindful of in the coming year. There is a need for being part of a collectivity because when we are, we are connected with constructive forces.  In these circumstances, we can do so by watching video clippings of past events on youtube. When we engage in practice of Samarpan Meditation, we get an opportunity to unite with positive souls by virtue of the traits which are inculcated in it. (Some may dub it as eternal wisdom).  If ever, we find ourselves fraught with tension, we can connect with those hundred thousand souls who are part of this collectivity through such videos. By doing so, our tensions will melt because we will be linked with such a huge volume of people who are not tense. Meditate every day for 30 minutes before

जिवंत गुरु का आगमन - आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत

◈━━━━━━━💠━━━━━━━◈        जिवंत गुरु का आगमन - आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत ◈━━━━━━━💠━━━━━━━◈ 💠  जब तक जिवंत गुरु अपने जीवन में नहीं आता, तब तक आध्यात्मिकता की कोई शुरुआत ही नहीं होती। 💠   जब मैं गुरु के पास पहुँच गया, तब से मेरे लिए गुरु की खोज बंद हो गई। जो आपको अंतर्मुखी कर दे, वही आपका गुरु है। वास्तव में, गुरु आपके बाहर नहीं है, आपके अंदर है। आपकी आत्मा ही आपका गुरु है। 💠   जब तक हमें पहुँचे हुए गुरु नहीं मिलते हैं, हमारे जीवन में हमें भीतर की ओर मोड़नेवाले गुरु नहीं मिलते हैं, तब तक हमें अपने-आपका चेहरा नहीं दिखता हैं। हमें अपने-आपका चेहरा नहीं दिखता है और उसे दिखने के लिए हमें मिरर (आईने) के पास जाना पड़ता है। गुरु वह मिरर है जो हमें अपने-आपसे मिलाता है। 💠  सुख अलग है, सुविधाएँ अलग है। सुख आपके अंदर ही है और सुविधाएँ बाहर हैं। 💠  नकारात्मक विचारों का तोड़ (निदान) सकारात्मक विचार कभी नहीं हो सकता क्योंकि आप विचार करते हो तो आपकी ऊर्जा नष्ट होगी ही। पर उसका तोड़ है, निदान है - निर्विचारिता की स्थिति। 💠  पहले शक्ति का युग था, उसके बाद अब बुद्धि का युग है और आगे चित्तश

सच्चे दोस्त

•• सच्चे दोस्त वो होते हैं , जो हमें गलत कार्य करने नही देते हैं। •• सच्चे दोस्त वो होते हैं , जो हमें अच्छे कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं , प्रेरित करते हैं। - परम वंदनीय गुरुमाँ - बाल विकास शिविर - दिनांक : २२/१०/२०२०

सितंबर 2020 के संदेश पुष्पों का सारांश

✧══════•❁🌺❁•═════✧      सितंबर 2020 के संदेश पुष्पों                     का सारांश  ✧══════•❁🌺❁•═════✧ •❁➊❁•  आत्मीक प्रगति के लिये "निर्वीचार" रहने का सतत अभ्यास करना चाहिए ।  •❁➋❁•  "निर्विचारिता" से आशय विचार शून्यता की स्थिति से है l •❁➌❁•  आप कीतना पुजा पाठ करते है, इसका महत्व नहीं है, कितने आप "निर्विचार" रहते है वह महत्वपूर्ण है l •❁➍❁•  "निर्विचारीता" आध्यात्मिक प्रगति का द्वार होता है l •❁➎❁•  "निर्विचारिता" वह पात्र जैसी स्थिति होती है, जिसमे चैतन्य भरा जा सकता है l •❁➏❁•  "निर्विचार" स्थिति मे ही सद्गुरु की उर्जा शक्ति शिष्य मे प्रवाहित होती है l •❁➐❁•  "सद्गुरु" की उर्जा शक्ति पाने के लिये उससे आत्मीय संबन्ध बनाना अत्यन्त आवश्यक है l •❁➑❁•  "सद्गुरु" के प्रति अत्यन्त भाव ही वह संबन्ध बना सकता है l •❁➒❁•   "अत्यन्त भाव" सदैव केवल एक ही स्थान पर होता है l •❁➊⓿❁•  आत्मा ने परमात्मा के लिये कीया गया कार्य ही सच्चे अर्थ मे "गुरुकार्य" होता है l •❁➊➊❁•  आप सभी "गुरुकार्य&quo

प्रकृतिमय हो जाये

•✿⊰•✾•⊱✿⊰🌲⊱✿⊰•✾•⊱✿•         ❛ प्रकृतिमय हो जाये ❜ •✿⊰•✾•⊱✿⊰🌳⊱✿⊰•✾•⊱✿• 🤗   हमारे मनुष्य समाज का विकास तभी संभव है, जब हम प्रकुतिमय हो जाये। हमको जिस प्रकृति ने निर्माण किया है, वैसे ही हो जाएँ।   🏞   प्रकृति की एक विशेषता है, वह सभी को समान बाँटती है।     🌞   सूर्य भगवान सभी को प्रकाश देते हैं, सभी को समान रुप से देते हैं किसी को भी भेदभाव नहीं करते हैं।  🍃   अब हवा है, वह भी सभी को समान उपलब्ध है, वह भी किसी को अधिक या किसी को कम प्राप्त नहीं होती है।  🌍   पृथ्वी है वह सभी को वहन करती है, किसी को यह नहीं कहती कि मैं तेरे वजन नहीं उठाएगी।  •✿⊰•✾•⊱✿⊰☘⊱✿⊰•✾•⊱✿•    श्री शिवकृपानंद स्वामी जी      हिमालय का समर्पण योग          भाग - ६ - २७२/२७३ •✿⊰•✾•⊱✿⊰🍀⊱✿⊰•✾•⊱✿•              

बिना ध्यान मोक्ष प्राप्ति नहीं होगी

╭━─━─━─≪✠≫─━─━─━╮                  बिना ध्यान          मोक्ष प्राप्ति नहीं होगी  ╰━─━─━─≪✠≫─━─━─━╯ यह आत्मज्ञान प्राप्त करना संपूर्ण नहीं है। पूरा नॉलेज (ज्ञान) ले लिया, पूरा इन्फॉर्मेशन ले लिया, पूरी जानकारी ले ली, लेकिन कृति नहीं की, कार्य नहीं किया, ध्यान नहीं किया, मेडिटेशन नहीं किया, तो मोक्ष प्राप्ति होगी क्या? यह बहुत विचित्र स्थिति है। कई लोग संपूर्ण ज्ञान प्राप्त कर लेते हैं। केसेट सुनकर बोलो, प्रवचन सुनकर बोलो, सेंटर पर जाकर बोलो, पूर्ण निचोड़ ... पूरा ले लेंगे। सब एकदम ब्रह्मज्ञानी हो जाएँगे। लेकिन ध्यान नहीं करेंगे। ये कहाँ जाएँगे? (ना) घर का, ना घाट का ... कुत्ता! क्यों ? इनको पूरा ब्रह्मज्ञान हो गया है, ये दूसरा जन्म लेंगे नहीं। इनको फिर मोक्ष चाहिए और मोक्ष मिलने लायक स्थिति नहीं है। तो कहाँ जाएँगे?  पथभ्रष्ट योगी भूतयोनी में जाते हैं।  सारा ज्ञान प्राप्त कर लिया, सारा नॉलेज प्राप्त कर लिया, ब्रह्मज्ञानी हो गए, लेकिन ध्यान नहीं किया, मोक्ष का धर्म नहीं निभाया। और इनको अपनी गलती का एहसास भी होता है तो शरीर त्यागने के बाद! फिर कुछ हाथ में नहीं रह जाता।  ╭━─━─━─≪✠≫─━─━─━╮  

'क्षमा' आत्मा के प्रगति की पहचान

◎━━━━━━✾━━━━━━◎                 ❛ क्षमा ❜ आत्मा के प्रगति की पहचान  ◎━━━━━━✾━━━━━━◎   कमजोर आत्मा को न कभी    अपने दोष दिखते है और न        पाप दिख सकते है।  अच्छी आत्माएं ही सदैव अपनी    गलती को स्वीकार करती हैं,    और गलती को पहचान कर         क्षमा भी मांगती है।   ❛क्षमा❜ मांगना एक आत्मा के       प्रगति की पहचान है।  ◎━━━━━━✾━━━━━━◎  श्री शिवकृपानंद स्वामी जी   पवित्र आत्मा, ०२-०२-२०१७ ◎━━━━━━✾━━━━━━◎           @gurutattva

क्षमा का महत्त्व

✶⊶⊷⊶⊷❍⊶⊷⊶⊷✶    चैतन्य महोत्सव 2019 ✶⊶⊷⊶⊷❍⊶⊷⊶⊷✶      ❛ क्षमा का महत्त्व ❜ ✶⊶⊷⊶⊷❍⊶⊷⊶⊷✶ ❍⊶  तो एक जो जनरल ऑब्जर्वेशन मेरा है साधकों को  ही देखते  इससे एक बात समझाना, कहना हैं कि सबको क्षमा कर दो, सबको क्षमा कर दो, हमारे साधक सचमुच बहुत आगे बढ़ चुके हैं। काफी क्षमाशील हो चुके हैं, तुरंत में गुस्सा भी हो जायेगे लेकिन कुछ समय मे वो क्षमा कर देते है। ❍⊶  वो सब को क्षमा कर देते है , बस एक को छोड़कर, और वो एक व्यक्ति वे स्वयं है। तो हम में से कई ऐसे साधक है जो स्वयं को क्षमा नहीं कर पाते हैं कि मुझसे ऐसी गलती कैसे हो गई। मुझसे ऐसी भूल कैसे हो गई । ❍⊶  तो जीन लोगों को महसूस नहीं होता है वाइब्रेशन वे मनमे एक बार अपने आप को टटोल करके देख लें कहीं ऐसा तो नहीं है कि हम स्वयं को ही क्षमा नहीं कर पा रहे हैं, और ये बात सत्य है कि जो लोग सेंसिटिव होते हैं वो बाकी सब को तो क्षमा कर देते हैं पर कुछ भी गलती हो जाए तो स्वयं को ही क्षमा नहीं कर पाते ।  ❍⊶  वे इस बात को अपने आपको समझा नहीं पाते है कि जीस तरह से सभी मानव है और सभी से कोई -ना- कोई गलती हो सकती है।  ❍⊶  उसी तरह कभी स्वयंम  से भी गलती हो सकती है,