बिना ध्यान मोक्ष प्राप्ति नहीं होगी

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                 बिना ध्यान 
        मोक्ष प्राप्ति नहीं होगी 
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यह आत्मज्ञान प्राप्त करना संपूर्ण नहीं है। पूरा नॉलेज (ज्ञान) ले लिया, पूरा इन्फॉर्मेशन ले लिया, पूरी जानकारी ले ली, लेकिन कृति नहीं की, कार्य नहीं किया, ध्यान नहीं किया, मेडिटेशन नहीं किया, तो मोक्ष प्राप्ति होगी क्या? यह बहुत विचित्र स्थिति है। कई लोग संपूर्ण ज्ञान प्राप्त कर लेते हैं। केसेट सुनकर बोलो, प्रवचन सुनकर बोलो, सेंटर पर जाकर बोलो, पूर्ण निचोड़ ... पूरा ले लेंगे। सब एकदम ब्रह्मज्ञानी हो जाएँगे। लेकिन ध्यान नहीं करेंगे। ये कहाँ जाएँगे? (ना) घर का, ना घाट का ... कुत्ता! क्यों ? इनको पूरा ब्रह्मज्ञान हो गया है, ये दूसरा जन्म लेंगे नहीं। इनको फिर मोक्ष चाहिए और मोक्ष मिलने लायक स्थिति नहीं है। तो कहाँ जाएँगे? 

पथभ्रष्ट योगी भूतयोनी में जाते हैं। 

सारा ज्ञान प्राप्त कर लिया, सारा नॉलेज प्राप्त कर लिया, ब्रह्मज्ञानी हो गए, लेकिन ध्यान नहीं किया, मोक्ष का धर्म नहीं निभाया। और इनको अपनी गलती का एहसास भी होता है तो शरीर त्यागने के बाद! फिर कुछ हाथ में नहीं रह जाता। 
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    श्री शिवकृपानंद स्वामीजी
     मधुचैतन्य जनवरी २००९ , 
                 पृष्ठ : २२
       महाशिवरात्रि २००९ , 
      समर्पण आश्रम , दांडी 
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