क्षमा का महत्त्व
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चैतन्य महोत्सव 2019
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❛ क्षमा का महत्त्व ❜
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❍⊶ तो एक जो जनरल ऑब्जर्वेशन मेरा है साधकों को ही देखते इससे एक बात समझाना, कहना हैं कि सबको क्षमा कर दो, सबको क्षमा कर दो, हमारे साधक सचमुच बहुत आगे बढ़ चुके हैं। काफी क्षमाशील हो चुके हैं, तुरंत में गुस्सा भी हो जायेगे लेकिन कुछ समय मे वो क्षमा कर देते है।
❍⊶ वो सब को क्षमा कर देते है , बस एक को छोड़कर, और वो एक व्यक्ति वे स्वयं है। तो हम में से कई ऐसे साधक है जो स्वयं को क्षमा नहीं कर पाते हैं कि मुझसे ऐसी गलती कैसे हो गई। मुझसे ऐसी भूल कैसे हो गई ।
❍⊶ तो जीन लोगों को महसूस नहीं होता है वाइब्रेशन वे मनमे एक बार अपने आप को टटोल करके देख लें कहीं ऐसा तो नहीं है कि हम स्वयं को ही क्षमा नहीं कर पा रहे हैं, और ये बात सत्य है कि जो लोग सेंसिटिव होते हैं वो बाकी सब को तो क्षमा कर देते हैं पर कुछ भी गलती हो जाए तो स्वयं को ही क्षमा नहीं कर पाते ।
❍⊶ वे इस बात को अपने आपको समझा नहीं पाते है कि जीस तरह से सभी मानव है और सभी से कोई -ना- कोई गलती हो सकती है।
❍⊶ उसी तरह कभी स्वयंम से भी गलती हो सकती है, तो उनका क्रोध भी स्वयंम से होता है और उनका गील्ट भी, तो यदी ऐसा भाव है मन में, आप स्वयंम को क्षमा नहीं कर पा रहे किसी भी कारण से, कई गलती हो गई होगी आपकी भूतकाल में, तो आप स्वयं को भी क्षमा कर लो, और यदि आपको लगता है कि आप के कारण किसी को तकलीफ हूई, किसी को दुख हुआ, या किसी का नुकसान हुआ तो आप जाकर उसी से क्षमा मांग सकते हैं ।
❍⊶ आप उसके लिए जो कर सकते हैं वो कर दीजिए। किंतु स्वयं को भी क्षमा कीजिए । अब समर्पण ध्यान जब 20 वर्ष का हो चुका तो ऐसे समय में अब तो हम लोगों को इतना मैच्युअर हो जाना चाहिए कि हम सबको भी क्षमा कर दें, स्वयं को भी क्षमा कर दें। किसी भी तरह की कोई भी गिल्टी फिलींग ना रखें, क्योंकि ये जो भावना होती है, वो बहुत डिप होती है , बहुत अंदर गहराई में होती है।
❍⊶ हमको मतलब डुबकी लगाई तो खोज पाते हैं कि हमारे भीतर ही यह भाव छुपा है कि मेरे कारण किसी को ये तकलीफ हुई, मेरे कारण किसी को ये तकलीफ हुई ।
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परम वंदनीय गुरु माँ
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