हमारे संबंध 'पूर्वजन्मों' के हैं।
•• आपको जो दिख रहा है वो इस जन्म का है जबकि हमारे संबंध 'पूर्वजन्मों' के हैं। बस मैं जानता हूँ।
•• अभी कुछ साधक जान पाए हैं , कुछ नहीं। उन्हें ही वह केवल याद कराने का प्रयास करता हूँ।
•• जानने और न जानने के बीच आता है - यह 'शरीर' ! यह 'शरीर' जब छोड़ दूंगा तो सब जान जाएँगे ! !
- परम पूज्य श्री शिवकृपानंद स्वामीजी
- स्त्रोत : सद्गुरु के हृदय से
Comments
Post a Comment