प्रकृतिमय हो जाये

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        ❛ प्रकृतिमय हो जाये ❜
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🤗   हमारे मनुष्य समाज का विकास तभी संभव है, जब हम प्रकुतिमय हो जाये। हमको जिस प्रकृति ने निर्माण किया है, वैसे ही हो जाएँ।
 
🏞   प्रकृति की एक विशेषता है, वह सभी को समान बाँटती है। 
  
🌞   सूर्य भगवान सभी को प्रकाश देते हैं, सभी को समान रुप से देते हैं किसी को भी भेदभाव नहीं करते हैं। 

🍃   अब हवा है, वह भी सभी को समान उपलब्ध है, वह भी किसी को अधिक या किसी को कम प्राप्त नहीं होती है। 

🌍   पृथ्वी है वह सभी को वहन करती है, किसी को यह नहीं कहती कि मैं तेरे वजन नहीं उठाएगी। 

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   श्री शिवकृपानंद स्वामी जी
     हिमालय का समर्पण योग 
        भाग - ६ - २७२/२७३
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