गुरु को शरीर होते हुए भी 'परब्रह्म' क्यू कहा गया ?

•• गुरु को शरीर होते हुए भी 'परब्रह्म' क्यू कहा गया ?
•• गुरु का शरीर परमात्मा नहीं है। गुरु के शरीर से बहनेवाला परम चैतन्य परमात्मा है , वो ही 'गुरुतत्त्व' है।
•• हमारा ध्यान गुरु के शरीर के ऊपर नहीं होना चाहिए। हमारा ध्यान गुरु के भीतर से बहनेवाले 'गुरुतत्त्व' पे होना चाहिए। उस परम चैतन्य पे होना चाहिए। तब जाके साक्षात परब्रह्म की अनुभूति होगी।

- परम पूज्य श्री शिवकृपानंद स्वामीजी
- महाशिवरात्रि २०२१

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