गुरुकार्य

•• मैं किसी से भी नहीं मिलता ; जो गुरुकार्य करता है , उससे मिलता हूँ। 
•• आप कुछ तो भी कार्य ऐसा करो जिस कार्य के कारण मैं आपकी तरफ खींचकर आऊँ। मेरा और आपका संबंध कार्य का है।
•• गुरुकार्य ही शाश्वत है। इसलिए आप गुरुकार्य को पकड़ो।

- परम पूज्य श्री शिवकृपानंद स्वामीजी
- युवक-युवती कार्यशाला २००९

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