३० मिनीट ध्यान
" ३० मिनीट अकेले ध्यान करो। आप अकेले
बैठोग तो भी चित्त में ५० लोग होंगे. कभी बैठे हो मेरे साथ अकेले ? ३० मिनीट केवल आप और मै होना चाहिए। अपने बीच तीसरा कोई भी नहीं चाहिए। आधा घंटा आत्मा बन कर मेरे साथ बैठो । फिर देखो आपको कहाँ से कहाँ पहुंचाता हुँ। कैसी कैसी अनुभूतियाँ करवाता हूँ। "
- बाबा स्वामी
गुरुपौर्णिमा २०१६
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