चित्तशक्ति का धन

••◆ मेरे लिए वो लोग कार्य करते हैं - जो मुझसे ज्ञान में श्रेष्ठ है, पोस्ट में श्रेष्ठ है, विद्वता में श्रेष्ठ है; सबकुछ मुझसे अधिक है, फिर भी वो मेरे लिए कार्यरत हैं, मेरे लिए कार्य करते हैं। सिर्फ इसीलिए कार्यरत हैं और इसीलिए कार्य करते हैं क्योंकि मेरे पास चित्तशक्ति का धन है। तो ये चित्तशक्ति का धन आप प्राप्त करलो, चित्तशक्ति के आप भी धनी हो जाव, तो आपसे अधिक विद्वान लोग, आपसे अधिक धनाढ्य लोग, आपसे अधिक पहुँचे हुए लोग आपके लिए कार्य करेंगे।
••◆ यानी आपके पास जीवन में कुछ नहीं हो और आपके पास जीवन में सशक्त चित्त हो, तो वह सशक्त चित्त से आप इस दुनिया में अपनी जगह बना सकते हो।
••◆ सशक्त चित्त सिर्फ गुरुचरण पे चित्त रखके मैंने प्राप्त किया है। कैसी भी परिस्थितियाँ हो, कैसी भी कठिनाइयाँ हो, कैसा भी वातावरण हो, अनुकूल हो, प्रतिकूल हो सभी स्थितियों में वहाँ का कनेक्शन सदैव एक-सा रहा है। गुरुचरण पे चित रखने के बाद दुनिया का समस्त ज्ञान वहीं से प्राप्त हुआ है। 

- परम पूज्य श्री शिवकृपानंद स्वामीजी
- स्त्रोत : नवयुग का निर्माण

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