प्रार्थना कैसे करनी चाहिए जानिए परम पूज्य स्वामीजी से ...!!
*प्रार्थना कैसे करनी चाहिए जानिए*
*परम पूज्य स्वामीजी से ...!!*
*. प्रार्थना आध्यामिक स्थिति को बढ़ाने के लिए बहुत बड़ी मार्गदर्शक है। लेकिन वो प्रार्थना किसी भय से नहीं होनी चाहिए, कि हे परमात्मा ये मेरा बुरा नहीं हो जाए, हे परमात्मा मेरे साथ ये बुरी घटना नहीं हो जाए! ऐसे भय से कि गयी प्रार्थना सही प्रार्थना नहीं है! क्यूंकि भय का संबंध आपके शरीर के साथ है! तो जब की प्रार्थना का संबंध आपके शरीर के साथ है ही नहीं! दूसरा किसी लालच में कुछ मिलना चाहिए, कुछ पाना चाहिए.. इस भाव के साथ ही कभी कोई प्रार्थना नहीं करनी चाहिए। क्यूंकि पाना, मिलना चाहिए ये सब भाव शरीर का है। तो शरीर के भाव के ऊपर प्रार्थना नहीं की जाती है। आत्मा के भाव के ऊपर की जाती है। तो पूर्ण आत्मा के भाव से मुझे लगता है जीवन में एक ही प्रार्थना करना चाहिए। एक ही प्रार्थना के लिए हमे शब्द इस्तेमाल करना चाहिए। और वो है...*
*हे परमात्मा मुझे आत्मसाक्षात्कार करा दो।*
*हे परमात्मा मुझे आत्म अनुभूति करा दो।*
*हे परमात्मा मुझे आत्म समाधान प्रदान करो।*
*ये सब शब्द एक ही जगे, एक ही ओर, एक ही दिशा में आपको ले जाएंगे, आपको ऐसे माध्यम की ओर लेकर जाएंगे की जो माध्यम आपको अनुभूति करा सकता है।*
*आपका अपना*
*बाबा स्वामी*
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