माध्यम का सान्निध्य का लाभ
•• हमें माध्यम का कितना सान्निध्य मिला वह महत्त्वपूर्ण नहीं है, हमने उस सान्निध्य का क्या लाभ लिया वह महत्वपूर्ण है। अगर हम सान्निध्य में रहकर भी बहस करें, व्यवस्था की बातें करे, झगड़ों की बातें करे, शिकायतें करे, निंदा करें, समस्याओं की चर्चा करें और दूसरों के दोषों की बातें करें, उससे हम जो पुण्यकर्म करके सान्निध्य प्राप्त कर रहे हैं, उसका सदुपयोग नहीं होगा।
•• जीवंत माध्यम का एक-एक क्षण महत्वपूर्ण होता है। अगर हम सदुपयोग नहीं करते, तो वे क्षण हमने औरों के लिए छोड़ देने चाहिए।
- परम पूज्य श्री शिवकृपानंद स्वामीजी
- स्त्रोत : आत्मा की आवाज़
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