गहनध्यान अनुष्ठान 2017 का अनुभव
गहन ध्यान अनुष्ठान मे जब आत्मा शरीर से बाहर नीकल जाती है एक पंतग की तरह तब गुरूमॉ ही धागे से खीचकर वापस शरीर मे लाती है अपनी संकल्प शक्ती से और एक महीन चांन्दी के रेश के सहारे मै वापस शरीर मे आ जाता हु और फीर सालभर गुरूकाये मे लग जाता हु एक नया जन्म समझ कर ठीक ऐसा ही कुछ अनुभव एक साधक
ने मुझे श्री रजनीशजी के जीवन से भेजा है ।
बाबा स्वामी
8.3.17
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