जो अच्छा है वह आपको आत्मा हमेशा संस्कार के रूप में याद दिलाती है। और जो बुरा है , देह उसकी याद दिलाती है।
यह हमारी वर्षों की साधना है। पूर्वजन्म का असर हम पर रहता है ऐसा गुरुदेव हमेशा कहते हैं - कि जैसे पूर्वजन्म में हमारे अंदर कुछ दोष थे , क्योंकि प्रत्येक जन्म में हम थोड़ा-थोड़ा सुधरते-सुधरते-सुधरते-सुधरते यहाँ पहुँचे हैं। तो वे पूर्वजन्म के जो दोष थे , वे तो लेकरके ही हम जन्में हैं। यदि पूर्वजन्म में हम झूठ बोलते थे तो हम इस जन्म में भी वो झूठ बोलने का गुण लेकर ही चले हैं। गुण याने दुर्गुण। *यदि हम पिछले जन्म में कुछ और गलत कार्य करते रहे तो उसके साथ जन्मे लेकिन उसके साथ-साथ हमारी आत्मा के जो अच्छे कर्म थे , जो अच्छे संस्कार थे , वे भी लेके चले हैं।* तो इसीलिए आप दोनों चीजों का एक मिश्रण हैं और इस मिश्रण के साथ ही आपको आगे बढ़ना पड़ेगा। तो जो मिश्रण है , *जो अच्छा है वह आपको आत्मा हमेशा संस्कार के रूप में याद दिलाती है। और जो बुरा है , देह उसकी याद दिलाती है।*
*🌹परम वंदनीय गुरुमाँ🌹*
*गुरुपूर्णिमा महाशिविर , समर्पण आश्रम , दांडी - २०१३*
मधुचैतन्य (पृष्ठ ३३)
जुलाई, अगस्त, सितंबर - २०१३
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