आत्मा अगर सशक्त हुई तो वह शरीर को अपराध करने से रोक सकती है

आत्मा अगर सशक्त हुई तो वह शरीर को अपराध करने से रोक सकती है । और समर्पण ध्यान आपकी आत्मा को ही सशक्त करता है । और इसीलिए आपके हात से अपराध नही हो पाता है । आत्मा का सशक्त होना अत्यंत आवश्यक है । बुद्धि के विकास के साथ -साथ आत्मीयता कम हो रही है । यह बात अच्छी प्रतीत नही होती । यह समाज में असंतुलन पैदा करेगी ।

आध्यात्मिक सत्य 

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी