जब आत्मा सरीर की प्रतीक्षा करती है,
जब आत्मा सरीर की प्रतीक्षा करती है, तो शरीर व्यर्थ या महत्वहीन कैसे हो
सकता है ? आत्मा ने जिस शरीर को बड़ी प्रतीक्षा के बाद पाया है, उस शरीर की
देखभाल करनी ही चाहिए। यह हमारा कर्तव्य नहीं आत्मा की आवश्यकता है ।
भाग १-५७
भाग १-५७
Comments
Post a Comment