सुख और दुःख मन की मनोदशाए है
🌷पूज्य गुरुदेव 🌷
🌷म..चैतन्य..🌷
🌹अक्तूबर..२०११ 🌹
🕉 धन एक निर्जीव साधन है । उसके रहने से कोई सुखी नही रह सकता और उसके न रहने से कोई दुःखी नही रह सकता । सुख और दुःख मन की मनोदशाए है । आपके मानने पर सुख है और आपके मानने पर ही दुःख । आप परिस्थिति को स्वीकार कर लो तो ही सुख है , स्वीकार न करो तो दुःख है ।.....
🌷म..चैतन्य..🌷
🌹अक्तूबर..२०११ 🌹
🕉 धन एक निर्जीव साधन है । उसके रहने से कोई सुखी नही रह सकता और उसके न रहने से कोई दुःखी नही रह सकता । सुख और दुःख मन की मनोदशाए है । आपके मानने पर सुख है और आपके मानने पर ही दुःख । आप परिस्थिति को स्वीकार कर लो तो ही सुख है , स्वीकार न करो तो दुःख है ।.....
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
Comments
Post a Comment