कया आप ध्यान करना चाहते है? कया आपकी आध्यात्म मे रूचि है?
कया आप ध्यान करना चाहते है?
कया आपकी आध्यात्म मे रूचि है?
वास्तव में, आत्मा की प्रगति करने के लिए अकेले ध्यानसाधना करना और प्रगति की गति पर नियंत्रण के लिए सामूहिकता में ध्यान, इन दोनों का तालमेल जीवन में बिठाना होगा क्योंकि दोनों आवश्यक हैं | और एक तटस्थ स्थिति भी चाहिए जिस स्थिति में जाकर , इन दोनों दिशाओं (सिरों) में से मैं किस ओर अधिक जा रहा हूँ , यह भी देखना होगा | क्योंकि यह जानने के लिए मुझे एकाकी और सामूहिकता, दोनों में ही न होना होगा , तभी उस तीसरे स्थान से देखा जा सकता है | आध्यात्मिक प्रगति संतुलित रूप से होनी चाहिए | जीवन में संतुलन सभी स्तरों पर आवश्यक है ..............
हि.स.यो-४
पृ-४१
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