सदगुरु वह ग्वाला है
सदगुरु वह ग्वाला है जो अपनी गायों को तेज दौडने भी नहीं देता है या धिरे-धीरे चले, तो डंडा भी मारता हैI इधर - उधर चले तो जाने भी नहीं देता है, पर बीच की सडक पर चलाता है| प्रत्येक समय उसको सांभालता है , उसपर उसका पुरा ध्यान रहता है|
मधुचैतन्य जनवरी २००४/१७
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