आत्मा तो अमर है फीर सदगुरू आत्मा को जन्म कैसे दे सकता है ?

प्रश्न :: आत्मा तो अमर है फीर सदगुरू आत्मा को जन्म कैसे दे सकता है ?

उत्तर:: पक्षी के  दो जन्म होते है और ब्राम्हण के दो जन्म होते है पक्षी जब अंन्डे के रूप मे जन्म लेता वह और बाद मे पक्षी के रुप मे जन्म लेता वह ठीक वैसे ब्राम्हण मॉ के पेट से पहला जन्म होता है और उपनयनसंस्कार मे गुरू आत्मसाक्षात्कार करता है तब उसकी आत्मा की जागृती हो कर यह दुसरा जन्म होता है ।
प्रत्येक मनुष्य भी मॉ के पेट से जन्म लेता है वह पहला जन्म है और जब उसे किसी सदगुरू से आत्मसाक्षात्कार मीलता है वह उसका दुसरा जन्म होता है ।सदगुरू उसके आत्मा को जन्म देने वाली मॉ है इसी कारण महाराष्ट्र मे सदगुरू को माऊली याने मॉ कहा गया है ।

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