श्रीलंका से गुरूमॉ की कवीता

श्री लंका
यहाँ के लोगों के जीवन में एक अलग सी सादगी है
जो ले जाती है मन को भीतर और भीतर
और ले जाती हमें बचपन तक ।

समुंदर के पास के मैदान में खेलते हुए दो सौ, पाँच सौ बच्चे
दर्शाते हैं मोबाइल त्रासदी नहीं पहुँची है उन तक ।

माँ बापों का बच्चों संग
समंदर किनारे टहलना
याद दिलाता है
अपना और बच्चों का बचपन ।

वो शंख सीपियाँ बटोरना,
रेत के किले बनाना,
भावनाओं से जुड़ा हरएक मन
प्यारा  मन और जीवन  ।

आओ मिलकर पुनः बनाएँ
ऐसा एक घरोंदा,
जिसमें सदा प्रकृति बसे
अपने तनमन जीवन में...

यह श्रीलंका से गुरूमॉ की कवीता

2018

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