महाराजश्री
दि. १६-११-२०१२ को परमपूज्य सद्गुरू शिवकृपानंद स्वामीजी ने गरुडेश्वर में परमपूज्य टेम्बे स्वामीजी के समाधि स्थल पर जब ध्यान किया तब महाराजश्री की उर्जा के साथ उनका संपर्क हुआ और परमपूज्य सद्गुरू शिवकृपानंद स्वामीजी ने अपना बचा हुआ जीवन महाराजश्री को समर्पित करते हुए कहा , "आपने जो कार्य सौंपने के लिए मुझे यहॉ बुलाया हैं , आप अवश्य वह कार्य सौंपने की कृपा करें ताकि मेरे बचे जिवन का सदुपयोग हो सके।"
मधुचैतन्य - २०१४
अप्रैल - मई-जून
Comments
Post a Comment