भीतर की परिस्थिति ठीक करने के लिए

प्रणाम स्वामीजी
हमारी भीतर की परिस्थिति ठीक करने के लिए कैसे प्रयासरत रहना चाहिए  स्वामीजी 🙏💐🙏
हम भी हमारी आध्यात्मिक प्रगति करने के लिए आपसे मर्गदर्शन चाहते हैं।🙏💐🙏

भितर चित्त रख कर वह एकदम नही हो सकता सदैव नियमीत रूप से
अभ्यास से संभव है
आप भी जानते हो मै भी दिन भर
विंभीन्न लोगो से मीलता हु ।जो
जीसस्तर पर रहते है । उनसे उस स्तर पर बात करता हु । मेरे भी दैनीक जिवन मे विभीन्न समस्याये रोज ही
आती रहती है ।
यह सब होने पर मेरा चित्त कीसी भी
व्यक्ती मे या किसी भी समस्या मे नही रहता है । यह सब एक कैमेरे जैसा देखते रहता हु । क्योकी मेराी
आत्मा का अस्तीत्व अलग है ।और आत्मा के आसपास भी यह सब व्यक्ती व समस्याये नही पहुच पाती है
क्योकी चित सदैव भितर रहता है।
इसीलीये मीटीग ले रहा हु । फीर
उसी समय किसी साधीका की डिलीवरी मे सहायता भी करना संभव हो पाता है ।

                         आपका अपना
                             बाबा स्वामी
                           १२/९/१९

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