मौन ध्यान
जिस स्थान पर बातें की जाती हैं वहाँ बातों तथा बात करने वालों के अनुसार ऊर्जा संचित होती है कितु जहाँ मौन रहा जाता है वहाँ ऊर्जा का स्तर अच्छा होने की संभावना अधिक होती है। बात-बात में अनेक विषय निकलते हैं तथा विभित्र विषय विभित्र विचारों की जन्म देते हैं। इसके अलावा मौन की अपनी ऊर्जा होती है। जिन स्थानों पर ध्वनितरंगे न हो वहाँ ध्यान करना आसान होता है।
श्री गुरुशक्तिधाम ध्यान करने का स्थान है। वहाँ मौन ध्यान ही किया जाना चाहिए ताकि वहाँ मौन की ऊर्जा बनी रहे। मंगलमूर्ति की ऊर्जा तथा श्री गुरुशक्तिधाम की मौन ऊर्जा मिलकर उस स्थान को ध्यान के लिए श्रेष्ठ स्थान बनाती है।
आपकी - पूज्या गुरुमाँ
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