सुख

जब हम सुख को बाँटते है, तब हमारा चित्त सुख पर होता है और हमारे शरीर के आस - पास सुख की ऊर्जा-शक्ति बढ़ती है। और बढ़ती हुई सुख की ऊर्जा-शक्ति हमारी आध्यात्मिक प्रगति में सहायक होती है।

मधुचैतन्य
अप्रैल, मई, जून  -२००५

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