35 साल पुर्ण
आज मेरे विवाह को 35 साल हो गये
मेरा तो ऐसा मानना है की इस विवाह
तो समर्पण ध्यान संस्कार की नींव थी क्योंकी यह नही हुआ होता तो
हिमालय का स्वर्ग समान स्थान छोडकर इस समाज मे आता ही नही । विवाह होने के कारण ही समाज मे वापस आ सका ।
विवाह के कारण ही जिवन मे गुरूमाँ का आगमन हुआ और उसी की मेहनत और त्याग भावना से ही समर्पण संस्कार का बीज एक वटवृक्ष
का रूप ले सका ।शादी की सालगीरह मनाने के लिये हमने “स्टेच्यु ऑफ युनीटी” गुजरात का स्थान इसलिये चुना ताकी देश की युनीटी के साथ साथ विश्व की युनीटी हो सके ,सारे विश्व का कल्याण हो सके।
सरदार वल्लभभाई पटेल का यह स्टेच्यु विश्व का सबसे उंचाई वाला स्टेच्यु है।यह नर्मदा नदी के किनारे पर है। यहॉ फ्लावर वेली व केकटस गाडने भी देखने जैसा है ।वहॉ जाकर हमे अच्छा लगा । उसी दिन के कुछ दृष्य  है वह भेज रहा हूँ ।
आप सभी ने जो इस दिन पर बंधाई दी और अपना प्रेम प्रदर्शित कीया
उसके लिये मै आपका हदय से आभारी हूँ । इस स्थान पर इतनी सुंन्दर व्यवस्था करने के लिये वन अधीकारी श्री विक्रम सींग जी व उनके अधीकारीयों का व वनविभाग का विशेष आभारी हूँ ।
                           बाबा स्वामी
                         9-5-2019
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