साइंस अध्यात्म में सहायक है
🌿 साइंस अध्यात्म में सहायक है - 1 🌿
कई बार हमने समाज के अंदर कई गुरुओं का पतन होते हुए देखा है। इसके लिए मैंने एक सुझाव रखा था। मैंने सांसदों का शिबिर लिया था, २०१५ में। सांसदो के शिबिर में मैंने एक प्रस्ताव रखा था उनके सामने कि आप आध्यात्मिक गुरुओं के लायसन्स इश्यू करो। देखो, रहता है कि नहीं, जैसे हमको ड्राइविंग का लायसन्स चाहिए तो हम क्या करते हैं? आर.टी.ओ. ऑफिस में जाते है, ट्रायल देते हैं, वो देखते हैं- हाँ, ठीक से चलाना गाड़ी आ रही है। ठीक है, तुमको पाँच साल का लायसन्स। और उसके बाद में फिर पाँच साल बाद में फिर ट्रायल चेक करते हैं, फिर लायसन्स। वैसे जितने आध्यात्मिक गुरु है, सबको लायसन्स इश्यू करो। आध्यात्मिक गुरु हूँ।" तो उनका आभामण्डल चेक करो, उनका ऑरा चेक करो। देखो, साइंस अध्यात्म के विरोध में नहीं है, साइंस सहायक है। उसका ऑरा चेक करो ना, उसका आभामण्डल चेक करो। (Cont..)
परम पूजनीय सद्गुरु श्री शिवकृपानंद स्वामीजी
समर्पण ग्रंथ - १५६
(समर्पण "शिर्डी" मोक्ष का द्वार है।) पृष्ठ:९०-९१
🌿 साइंस अध्यात्म में सहायक है - २ 🌿
अगर उसका आभामण्डल अच्छा है, उसको पाँच साल के लिए लायसन्स दो। तेरा आभामण्डल अच्छा है, तेरा ऑरा अच्छा है, ठीक है, पाँच साल के लिए तू आध्यात्मिक गुरु। और उसका आभामण्डल रणराब हो गया है, उसका ऑरा खराब हो गया है तो उसको बोलो - एक काम कर, तू अब साल-दो साल घर बैठ, ध्यान कर, मेडिटेशन्स कर, अपनी स्थिति ठीक कर। तो इससे ना, दोनों को फायदा है। एक तो वो गुरु को क्या फायदा है - उसका सत्यानाश होने के पहले उसको पता चल जाएगा कि मेरी स्थिति खराब हो रही है। दूसरा, उसके साधकों का क्या फायदा है, एक गुरु का पतन होता है तो लाखों लोगों का भाव टूटता है। उनका भी नुकसान है, उनका भी नुकसान है। तो अच्छा है ना कि लायसन्स इश्यू करो। (Cont..)
परम पूजनीय सद्गुरु श्री शिवकृपानंद स्वामीजी
समर्पण ग्रंथ - १५७
(समर्पण "शिर्डी" मोक्ष का द्वार है।) पृष्ठ:९१
🌿 साइंस अध्यात्म में सहायक है - ३ 🌿
दूसरा, कंपल्सरी नहीं है, जिसको लेने के हैं वो लो। अध्यात्म का नाटक नहीं किया जा सकता। जैसे एक आदमी अमीर नहीं है तो भी वो अमीरी होने का नाटक कर सकता है। एक विद्वान नहीं है वो किताबें पढ़के इधर-उधर की, वो विद्वत्ता का नाटक कर सकता है। आध्यात्मिक स्थिति का कभी नाटक नहीं हो सकता।
ये ऑरा की बातें, ये आभामण्डल की बातें आज से पंद्रह साल पहले जब मैं करता था ना, तो मेरा मजाक उड़ाते थे। "स्वामीजी, कोई ऑरा-वॉरा नहीं होता है। ये तो तुम्हारी कल्पना है, कुछ नहीं है।" लेकिन अभी पाँच हजार डॉक्टर लोगों का अहमदाबाद में शिबिर लिया। शिबिर के अंदर खुद डॉक्टर्स अपना ऑरा चेक करके आए और बाद में चेक किया। (Cont..)
परम पूजनीय सद्गुरु श्री शिवकृपानंद स्वामीजी
समर्पण ग्रंथ - १५८
(समर्पण "शिर्डी" मोक्ष का द्वार है।) पृष्ठ:९१-९२
🌿 साइंस अध्यात्म में सहायक है - ४ 🌿
तो उनको भी उसके अंदर चेंज नजर आया। उनको भी उसके अंदर बदलाव नजर आया। देखो, क्या होता है मालूम है अच्छी-अच्छी बातें तो सब लोग कर सकते हैं, विद्वान भी अच्छी-अच्छी बातें करते हैं, ज्ञानी भी अच्छी-अच्छी बातें करते हैं लेकिन वो मूलत: अच्छा है या नहीं, उसके विचार अच्छे हैं या नहीं ये उसका आभामण्डल बताता है, उसका ऑरा बताता है। और ऑरा का अध्ययन मेडिकल साइन्स में नहीं है। मेडिकल साइन्स में उसका अध्ययन है जिसको शरीर को टच करके देख सकते हैं, उसका अध्ययन मेडिकल साइन्स में है। विचारों का अध्ययन मेडिकल साइन्स में नहीं है। इसलिए ये साइन्स थोड़ा और ऊपर का है।
परम पूजनीय सद्गुरु श्री शिवकृपानंद स्वामीजी
समर्पण ग्रंथ - १५९
(समर्पण "शिर्डी" मोक्ष का द्वार है।) पृष्ठ:९२
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