शरीर और आत्मा अलग -अलग है यह अनुभव किया । क्या इसके ऊपर की और कोई स्थिति है ? अगर है तो कृपया अनुभव कराइऐ ।
प्रश्न :- शरीर और आत्मा अलग -अलग है यह अनुभव किया । क्या इसके ऊपर की और कोई स्थिति है ? अगर है तो कृपया अनुभव कराइऐ ।
स्वामीजी :-
कुछ नही ...ध्यान करो , ध्यान करो , ध्यान करो ... फिर धीरे -धीरे सब स्थितियां ओटोमेटिकली जीवन मे चली जाती है । संपूर्ण स्थिती वो है जिस स्थिती मे जाकर हमारे जीवन मे पाने के लिए कुछ भी नही रह जाता है । कोई इच्छा बाकी नही रह जाती है , कोई कार्य बाकी नही रह जाते है , कोई करने के लिए कार्य नही रहते है की ये करना चाहिए , ये होना चाहिए। एक तृप्त अवस्था , एक पूर्ण समाधान की स्थिती , पूर्ण संतोष की स्थिती आपको आपके जीवन मे प्राप्त हो जाती है ।
सद्गुरू श्री शिवकृपानंद स्वामीजी
चैतन्य महोत्सव (२०१६}
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