ऋणानुबंध
विचार या तो भविष्य की चिंता के कारण आते हैं या भूतकाल में किए कर्मों के कारण आते हैं | कर्म जो हमने किए और वे कर्म जो औरों ने हमारे लिए किए, वे ही विचारो को जन्म देते हैं | हम जानते-बूझते किसी का बुरा नहीं करते या कोई बुरा कार्य नहीं करते |
जब भी कोई हमारे लिए कर्म करता हैं तो वह मुझे ऋणानुबंध के कारण लगता हैं | अच्छे-बुरे कर्म हम अपने ऋणानुबंध के कारण भोगते हैं | और हम किसी के प्रति जो भी अच्छा करते हैं शायद वह भी ऋणानुबंध के कारण ही हो !!!
~परम वंदनीय गुरुमा
माँ - पुष्प
समर्पण ध्यान योग
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