प्रार्थना
जब भी कुछ भी , कोई भी बात , कोई भी व्यक्ति के कारण आपको लगे की आप असंतुलित हो रहे है तो कुछ भी नही करना है , आपको उसमें से चित्त निकालने के लिए केवल एक प्रार्थना करनी है ।
एक बहुत अच्छी -सी सकारात्मक प्रार्थना - "हे गुरुदेव , इस व्यक्ति को सदबुद्धि दो , उसको अच्छा व्यवहार दो , व्यवहार अच्छा करना सिखाओ और मेरा चित्त जो उसमेँ गया है , मेरे चित्त में जो विचार बार -बार उसीके आ रहे है , वे विचार आप ही दूर कर सकते है । आप दूर कर दीजिए ।"
बस इतनी प्रार्थना करो ।
~वंदनीय पूज्या गुरुमाँ
गुरुपूर्णिमा - २०१३
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