जीवन का एक ही लक्ष्य है

सभी  गुरुशक्त्ति  धाम  के  गर्भगृह  का सम्पूर्ण  निर्माण  कार्य  और  श्री  मंगल मूर्ति  की  स्थापना  करना  ही  अब  जीवन का  लक्ष्य  बना  लिया  है । यह  पूर्ण करने  के  लिए  मेरे  पास  पर्याप्त  धन  भी  मेरे  पास  नहीं  है । पर  मुझे  गुरुशक्त्तियों  पर  पूरा  विश्वास  है।  गुरुशक्त्तियों  का  कार्य  में  कभी  न  धन  की  कमी  पड़ी  है  और  न  भविष्य  में  न  कभी  पड़ेगी । अभी  तो  गुरुशक्त्तियां  आपका  हाथ  पकड़कर  आपसे  काम  करवा  रही  हैं । इसलिए  अभी  कार्य  करना  आसान  है। बाद  में  तो  आपको  गुरुशक्त्तियों  की  उंगली  पकड़कर  कार्य  करना  पड़ेगा । आप  कितने  समय  उंगली  पकड़कर  रख  पाओगे  उस  पर  ही  कार्य  की प्रगति  निर्भर  होगी l

आपका अपना
बाबा स्वामी
मधुचैतन्य, मार्च-अप्रेल
पेज नं 4

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