क्षमा
"अगर किसी व्यक्तिविशेष के प्रति गुस्सा हो, नाराजगी हो तो यह भी एक ख़राब स्थिति का द्योतक है । आपके मन में जिस व्यक्ति के प्रति नाराजगी है, उसे क्षमा कर दीजिये, हृदय से क्षमा कर दीजिये । क्षमा करने से हमारे दो चक्र पवित्र होते है । एक तो आज्ञा चक्र खुलता है, क्योंकि वह व्यक्ति आपके आज्ञा चक्र में बैठा हुआ होता है । और दूसरा, क्षमा भावना से हृदय चक्र खुलता है ।"
परम पूज्य शिवकृपानंद स्वामी
मूल स्त्रोत :- हिमालय का समर्पण योग भाग 4
पृष्ठ १३३
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