चित्तशक्ति का विश्वविद्यालय

 शरीर  के  सानिध्य  मेँ  आकर  निर्जीव  वस्तुएँ  भी  सजीव  हो  जाती  हैं  तो  उस  शरीर  के  भीतर  की  हड्डियाँ  किस  गहन  स्थिती  तक  पहुँच  गई  होंगी ! इन  हड्डियों  से  युक्त  "समाधिस्थल " भविष्य  मेँ  चित्तशक्ति  का  विश्वविद्यालय  बनेगा ।*

*✍...बाबा स्वामी*

      

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी