अनमोल पत्थर
'स्वामीजी' एक ऐसे अनमोल पत्थर है जिस पत्थर से जो भी मांगे , वह इच्छा पूर्ण होती हैं । उसके सानिध्य में हमारी बीमारियाँ दूर होती है , हमें कष्टों से राहत मिलती है ,आराम मिलता है । किंतु इस पत्थर का उपयोग जितना होगा , उतना यह पत्थर घिसता जाएगाा । इसलिए इसका उपयोग केवल आध्यात्म के लिए होना
चाहिए । किंतु अधिकांश साधक उनका उपयोग देह को स्वच्छ करने के लिए कर रहे हैं (देह अर्थात् दैहिक इच्छाएँ , कामनाएँ तथा समस्याएँ ,बीमारियाँ ) ।
💠 क्या स्वामीजी के गुरुओं का श्रम व्यर्थ जाएगा ?
💠 क्या हम स्वामीजी के कठोर साथना का लाभ हम उठाएँगे और आजन्म अपना दूषित आभामंडल स्वामीजी से स्वच्छ करवाएँगे ?
नहीं ! कदापि नहीं !!
अनजाने में भूल हो गई , आगे न होगी ! आइए , प्रण करें :
💠 स्वामीजी के स्थूल सानिध्य की इच्छा नहीं,
रखेंगे ।
💠 मनो-शारीरिक रूप से संपूर्ण स्वस्थ न होंगे , तो स्वामीजी के समक्ष नहीं जाएँगे ।
💠 नियमित ध्यान कर चित्त शुद्ध रखेंगे ।
💠 सभी के प्रति स्नेहभाव रखेंगे ।
💠 मैं का भाव समाप्त कर परम आनंद की स्थिति में रहेंगे ।
🌸🦋.... गुरुमाँ 🌸
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