कलश कैसे स्थापित करे ?

किसी ने ऐक बार पूछा था....कलश कैसे स्थापित करे ?

कलश स्थापन की रीत:-
सामग्री:-
1) कलश (आधे से ज्यादा,स्वच्छ पानी से भरा)
2) चावल (पूर्ण/अक्षत...टुटे हुऐ न हो ऐसे)
3) ऐक नारियल (ज्यादा पानी से भरा हुआ)
4) फूल और आम्रपत्र (आम के पत्ते)

सब सामग्री तैयार करके ,गुरुदेव के सूक्ष्म शरीर की फोटो के सामने रख कर प्रार्थना करे, " हे गुरुदेव,इसे चैतन्य प्रदान करे,ताकी यह कलश, चैतन्य से परिपूर्ण रहे।" उसके बाद १५-२० मिनिट ध्यान करे।
👉🏼 ५-७ आम्रपत्र आधे कलश में और आधे बाहर रहे,इसतरह रख दे।

👉🏼गुरुदेव या पंचमहाभूत का स्मरण कर के, कलश की चारो और पांच तिलक...(निचे से ऊपर की और) करे।

👉🏼नारियल की चारो तरफ, चार-चार तिलक करे। ( निचे से ऊपर)

👉🏼चित्त से गुरुदेव को नमन करे चारो दिशाओ को नमन करे।

👉🏼  कलश, स्थापना के लिये तैयार है। उसे उचित जगा पर स्थापित करे,कुंमकुंम,चावल,फूल से पूजा करके, दिया और अगरबत्ती जलाये।

ख़ास :- कलश को पूर्णिमा से लेकर अगली पूर्णिमा तक रखना है। उसके बाद नारियल को नदी या कुए में छोड़ दे।

यह स्थापन भी....अपने आप एक अनुभूति से कम नही है।
ऐसा करने से ....हमारे आस-पास कोई नेगेटिविटी है....तो चली जाती है। (यह विधि,गुरुमाँ का तोहफा है...हम सब के लिए।)

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी