आपके सूक्ष्म शरीर के माध्यम से क्या आप निसर्ग में विलीन हो गए है ?

॥  चैतन्य प्रवाह  ॥ 
साधक : आपके  सूक्ष्म  शरीर  के  माध्यम  से  क्या  आप  निसर्ग  में  विलीन  हो  गए  है ?
स्वामीजी : हाँ । इसीलिए  अगर  आप  मेरे  सूक्ष्म  शरीर  से  जुड़  जाते  है  तब  आप  निसर्ग  से  भी  जुड़  सकते  है । इसका  मतलब  यह  नहीं  है  की  मैं  एक  समय  पर  सब  जगह  हूँ , परंतु  मैं  अगर  इच्छा  करू  तो  मैं  कही  भी  विलीन  हो  सकता  हूँ ।

✍..पूज्य स्वामीजी
टिम शाईम [ U.K ]
की प्रश्नोत्तरी के अंश ।

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