महाशिविर तथा स्वामीजी के अनेक कार्यक्रमों में हजारों लाखों लोगों को मन की शांति का अनुभव होता है । हम साधकों को एक बार नहीं , अनेक बार बल्कि प्रत्येक बार ऐसा अनुभव हुआ ही है ...
समर्पण ध्यान हमारी प्राचीन संस्कृती की धरोहर है। हमें इस धरोहर को अगली पीढ़ी तक पहुँचाना है। यह क्रम पिछले ८०० सालों से चल ही रहा है और इसी के तहत हमें भी यह ध्यान का ज्ञान ज...
प्रत्येक साधक मे आपको मेरे दशॅन होने चाहिए । प्रत्येक साधक मे कुंडलिनी जागृति के दरम्यान मेरा सुक्ष्म अंश संक्रमित होता है, जिससे वह मेरे साथ सुक्ष्म रूप से जूड जाता है ।इ...
7 जनवरी 2020 से 21 फरवरी महाशिवरात्री तक गहनध्यान अनुष्ठान समपेण आश्रम दांन्डी मे आयोजीत होगा और इसबार महुडी के गुजरात समपेण आश्रम के। श्री गुरूशक्तीधाम की मंगलमुतीे के लिये ...
यह सारा समर्पण ध्यान का पूरा रहस्य भाव में छुपा हुआ है। सारा खेल आपके भाव का है। आप आपके भीतर जितना भाव लाने के लिए तैयार हो जाएंगे, आप आपके भीतर जितना भाव निर्माण कर सकेंगे, उ...
इस अनुभूति का जन्म हिमालय में भी बहुत भीतर के भाग में हुआ और उस स्थान पर मनुष्य बस्ती ही नहि थी। यानी एक निर्मनुश्य स्थान पर , एकदम एकांत के स्थान पर ही इस अनुभूति का विकास हुआ...
•• प्राचीन काल की बात है । एक ऋषि अपने गुरुकुल में विद्यार्जन करने आए शिष्यों को उनकी रूचि के अनुसार पढ़ाते थे । जब उनकी शिक्षा पूर्ण हो जाती थी, तब परीक्षा लेकर उन्हें विदा ...
🌺मेरे शरीर के बढते हुये ओरा के प्रभाव के कारण मेरा कही भी जाना या मेरे पास कीसी का भी आना दिन प्रती दिन कठीण हो रहा है । इसलीये शायद कोई भी मुझे मीलता है तो मुझे लगता है की फीर प...
गुरुसान्निध्य का अधिक समय पूर्वजन्म के बुरे कर्मों को नष्ट करने में ही जाता है। और जैसे ही बुरे कर्म नष्ट होते हैं , शरीर नए कर्मों के जाल में उलझ जाता है और गुरुसन्निध्य छू...
गुरुकार्य करने के पहले आप आपका चित्त पवीत्र और सशक्त करे ताकी आपके आभामण्डल में सामनेवाले का चित्त थोडे समय के लिये क्यों न हो भीतर चला जाए और सामनेवाले मनुष्य को एक अनोख...
स्वयंसिद्ध व्यक्ति या सिद्धि प्राप्त गुरु के सान्निध्य में उनके स्पर्श अथवा दृष्टिपात करने से कुंडलिनी जागृत हो सकती है। सद्गुरु श्री शिवकृपानंद स्वामीजी सिर्फ दृष्...
पति को परमेश्वर बनाना स्त्री के हाथ में है। उसमे ईश्वरीय तत्व का निर्माण केवल उसकी पत्नि ही कर सकती है। पत्नि का दृढ विश्वास ही पति में यह तत्व जागृत कर सकता है। जिस प्रकार...
मेरे चैतन्य को अपने पास अनुभव करो तो इन सब बातों से आपको मुक्ति मिल जाएगी । या तो तैरकर जीवन की नदी पार करो , या "समर्पण ध्यान " की नाव से करो । पर नाव प...
नियमित ध्यान करना ही सबकुछ नहीं है , पर उसका असर हमारे दैनिक जीवन में होना आवश्यक है। जीवन में विपरीत परिस्थितीयों में भी हमें शांत रहकर निराकरण करना चाहिए। समर्पण ध्यान स...
एक बार मेरे मन मे जिज्ञासा हुयी की सभी गुरू स्थानो के सानीध्य मे” कुत्ते” क्यो होते है। मेरे गुरूदेव ने हंसते हुये कहॉ था की वास्तव सदगुरू एक “ वफादार कुत्ते” की तरह ही होत...
●● परमात्मा का अस्तित्व सर्वत्र विद्यमान है, पर अगर ब्रह्मांड में फैले हुए परमात्मा का अनुभव करना है तो पहले अपने भीतर सुप्त अवस्था में रह रहे परमात्मा के अस्तित्व तक पहु...
*'श्री शिवकृपानंद स्वामी' यह नाम ही 'विश्व में युनिक' है। इस नाम का दुसरा कोई 'शरीर' नही है। यह नाम साक्षात विश्वचेतना ने बनाया है।* अपने सभी गुणों को एक सामान्य से सामान्य मनुष...
अभी अरडका आश्रम पर स्वामी जी से मध्य प्रदेश के साधक साधिकाओं की मीटिंग के कुछ अंश लिख रहा हु..... 1)मीटिंग का उद्देश्य mp में दर्शन शिविर के विषय मे ही था,जिसमे स्वामी जी ने mp के pamplate दि...
कल 18-7-2019को बाबा स्वामीजी के सानिध्य मे अजमेर की युवाशक्ति की मीटिंग हुई। उसी मे याद बाते आप सभी के साथ शेयर कर रहा हू। 1- यह प्रथम गुरुपूर्णिमा रही जिसमे 8000साधको ने रजिस्ट्रेशन क...