गूरूपूर्णिमा उत्सव है
गूरूपूर्णिमा वह उत्सव है जिस उत्सव में जो दिख रहा है , वह न देखते हुए , जो भीतर से बह रहा है , उसको , अनुभूति की तरफ़ चित्त ले जाने की आवश्यकता है । गूरूपूर्णिमा एक वह दिन हैं , जिस दिन आप जो भी दिशा तय करो , जो भी लक्ष तय करो , उसी दिशा की ओर आप साल भर तक आगे बढ़ते चले जाएँगे ।
आपका
बाबा स्वामी
2012
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