गुरूपोणिमा उत्सव तो आत्माओ का उत्सव है ।
अभी गुरूपोणिमा का उत्सव का दिन आ रहा है । यह एक दिन ऐसा होता है । जब हिमालय के समस्त गुरू अपने माध्यम के माध्यम से कृपा का”चैतन अमृत “ बरसाते है ।
इस दिन साधक भी अपना सपुणे शरीर भाव छोडकर एक पवीत्र और शुद्ध आत्मा बनकर उस चैतन्य के
बहने वाले झरने मे स्नान कर अपने जिवन मे धन्यता का अनुभव करते है
इसलीये इस आत्मा के उत्सव मे आप
भी एक “ आत्मा” बनकर सामील हो। अन्यन्य भाव नीमाेण होने के कारण साधको की रिसीव्हीग भी उस दिन १०० प्रतीशत खुल जाती है ।
यही कारण यह उत्सव “आध्यात्मीक
प्रगती” मे बडा ही सहायक होता है ।
आप सभी की आध्यात्मीक प्रगती हो
और यह उत्सव आपके जिवन मे एक नयी उजाे लेकर आये यही परमात्मा से प्राथेना है ।
आप सभी को खुबखुब आशिवाद
आपका अपना
बाबा स्वामी 10/7/19
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