गुरुचरण
🌹चित्त फूल पे रखोगे तो महक जाऔगे,
चित्त मदिरा पे रखोगे, तो बहक जाऔगे,
चित्त चाँद पे रखोगे, तो शीतलता पाऔगे,
चित्त चैतन्य पे रखोगे, तो आनुभूति पाऔगे,
लेकिन...
चित्त "गुरुचरण" पे रखोगे तो लाख चौरासी से बच जाओगे l
"सतगुरु" के लिये खर्च की हुई कोई भी चीज, कभी व्यर्थ नहीं जाती l
चाहे वो साँसें हो चाहे वक्त l
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