प्रार्थना
प्रार्थना
है गुरुदेव, कृपया सदैव मेरे साथ रहें तथा मुझसे केवल योग्य कार्य ही हों, ऐसी प्रेरणा दें।
है गुरुदेव, मेरा चित्त व्यर्थ की बातों में न जाए,
उतना आशीर्वाद देना।
आप सदैव मेरे साथ रहे हो और सदैव साथ रहोगे, यह मेरा विश्वास है। बस आप ही ध्यान करवा लेना गुरुवर, आप ही ध्यान करवा लेना।
प. पू. गुरुमाँ
पुस्तक :- माँ भाग 3
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