देह रूपी बास्केट को नियमित रूप से गुरुशक्तियों के जल से धोना

इस  देह  रूपी  बास्केट  को  नियमित  रूप  से  गुरुशक्तियों  के  जल  से  धोना  है । नियमित  रूप  से  गुरुशक्तियों  की  बहती  नदी  से , गुरुशक्तियों  के  प्रवाह  से  उस  बास्केट  में  पानी  भरके  लाना  है . . . पानी  भरके  लाना  है । केवल  उतना  ही  कार्य  करना  है । और  वह  भी  केवल  आधे  घंटे  के  लिए । आधा  घंटा  सामूहिकता  में , आधा  घंटा  एकांत  में । इससे  अधिक  समय  की  कोई  माँग  नहीं  है । गुरुशक्तियों  के  प्रवाह  में  से , जैसे  जैसे  आप  नियमित  रूप  से  अपनी  टोकरी  में  जल  भरते  लाती  रहेंगे , एक  दिन  आपकी  टोकरी  के  छेद  भी  बंद  हो  जाएंगे । एक  दिन  वो  टोकरी  मिला  हुआ  संपूर्ण  चैतन्य  ग्रहण  कर  पाएगी , भरके  रख  पाएगी  और  वो  दिन  जल्द  से  जल्द  आप  सभी  के  जीवन  में  आए  इसी  शुभकामना  के  साथ ,
।। जय बाबा स्वामी ।।
         
परमवंदनीय पूज्य गुरुमाँ
मकरसंक्रांति - २०१६
              

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी