जीवंत भूत बन जाओ
जीवंत भूत बन जाओ।
तो सब में से अलिप्त हो जाओ।
सब में रह रहे हैं लेकिन किसी में भी नहीं हैं।
ऐसी कल्पना कर लो तुम कि तुम भूत हो।तुम कुछ नहीं कर सकते, सिफॅ देख सकते हो,
देखो,
बहू को देखो,
लड़के को देखो,
लड़की को देखो,
पत्नी को देखो
किसी के बीच में पड़ने की जरूरत नहीं। और वे क्या कर रही हैं उससे तुमको प्रभावित होने की भी जरूरत नहीं।
तो ऐसा अगर करोगे तो सब में से बाहर निकल जाओगे।
कोई विवाद नहीं, झगड़े नहीं क्योंकि भूत को कोई तकलीफ ही नहीं।
तो जीते-जी उसमें से बाहर निकल जाओ तो ही मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है
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2004
प्रथम समपॅण ध्यान महाशिविर
पृष्ठ : 295
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