मोक्ष की अवस्था प्राप्त होने पर साधक में निम्नलिखित बदलाव अनुभव होते हैं ।

■ मोक्ष की अवस्था प्राप्त होने पर साधक में निम्नलिखित बदलाव अनुभव होते हैं ।
-◆- शारीरिक स्तर पर अनुभव -◆-
•• मृत्यु के °भय° से मुक्ति मिलती है ।
•• शारीरिक व्याधियों की तकलीफ से मुक्ति ।
•• °अहंकार° से मुक्ति ।
•• लोभ से मुक्ति ।
•• राग से मुक्ति।
•• द्वेष से मुक्ति ।
•• व्यसन से मुक्ति ।
•• कामवासना से मुक्ति ।
•• लिंगभेद से मुक्ति ।
•• स्वाद से मुक्ति ।
-◆- मानसिक स्तर पर मुक्ति -◆-
•• एक पानी के बबूले जैसे क्षणिक विचार रहना ।
•• निर्विचारता कि स्थिति ।
•• °क्षमा भाव° सभी के प्रति रहना ।
•• सभी के प्रति °सद्भावना° का भाव होना ।
•• अपने जीवन से आसक्ति समाप्त होना ।
-◆- आर्थिक स्तर पर मुक्ति -◆-
•• आवश्यकता के पूर्व प्राप्ति होना ।
•• कुछ पाने की इच्छा न रखना ।
•• समाधान का भाव सदैव रहना ।
-◆- आध्यात्मिक स्तर पर मुक्ति -◆-
•• अलौकिक समाधान की प्राप्ति ।
•• भीतर की और खोज प्रारंभ होना ।
•• परमात्मा मय होने का अनुभव ।
•• आत्मिक शांति का अनुभव
•• चित्त सदैव सहस्त्र पर ही रहना  ।
•• शून्य स्थिति में ही रहना
-◆- अनुभूति के स्तर पर मुक्ति -◆-
•• दिव्य सुगंध का अनुभव ।
•• चैतन्य की अनुभूति होना ।
•• आभामंडल का निर्माण होना ।
•• मोक्ष की स्थिति प्राप्त होना ।
•• कहीं ना अटकना ।

★ परमपूज्य श्री शिवकृपानंद स्वामीजी
★ आशीर्वचन -- मोक्ष की ओर
•• मधु चैतन्य - अक्टूबर-नवंबर दिसंबर -२०१२

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