Q & A

*प्रश्न: गुरुमाँ , गुरुपूर्णिमा या चैतन्य महोत्सव में सहभागी होने यू.के. से हम साधक भारत आते हैं। किंतु हमें रिश्तेदारोंं से मिलना होता है , कभी घूमने भी जाना होता है। तो पहले हमें क्या करना चाहिये, क्या करना अधिक योग्य होगा?*

आपने बहुत ही अच्छा प्रश्न पूछा है। आपके इस प्रश्न के उत्तर से कई साधक लाभांवित होंगे। मुझे लगता है , गुरुदेव के प्रत्यक्ष कार्यक्रम में शामिल होने जब आप आते हैं , तब पहले आप जहाँ भी जाना चाहें , जाएँ। रिश्तेदारोंं से मिलना हो या कहीं घूमने जाना हो , स्वामीजी के कार्यक्रम से पूर्व सभी से मुक्त हो लें। कार्यक्रम पूर्ण होने पर सीधे अपने घर जाएँ , संभव हो तो किसी के घर या हॉटेल में रात को ना रूकेंं। यदि आपकी फ्लाईट / ट्रेन एक दिन बाद की हो तो आश्रम में ही एक रात अधिक रुक जाएँ।

दरअसल , हम रात को रिश्तेदारो या हॉटेल या मित्र के घर जहाँ भी रूकेंं सोते समय हमारा ऑरा खुला होता है। उस समय हमारी स्थिति वैसी हो जाती है जैसा वह कक्ष होता है। किसी के घर या हॉटेल या हॉटेल के कमरे का चैतन्य आपसे अच्छा नहीं हो सकता क्योंकि आप गुरु सान्निध्य में तीन दिन कार्यक्रम के दौरान चैतन्य वर्षा में नहाए हैं , चैतन्य से सरोबर होकर आए होते हैं। हमने प्राप्त किया चैतन्य हमारे साथ हमरे घर पहुँचना चाहिए। इसलिए कार्यक्रम में आने पर पहले रिश्तेदार व मित्रोंं से मिल लें और कार्यक्रम पूर्ण होने पर सीधे अपने-अपने घर जाएँ।

आप कार्यक्रम में ग्रहण किया चैतन्य आपके घर तक पहुँचे यही गुरु चरणोंं में प्रार्थना।

जय बाबा स्वामी!

         आपकी , *गुरुमाँ*

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