जीवंत गुरु

लगभग दो -ढाई हजार वर्ष के बाद में ऐसा  संयोग बनता है की जब साक्षात जीवंत गुरु गाइड करने के लिए होते है । तो आप सब भी दो -ढाई हजार साल तपष्चर्या करके , न जाने कितने जन्म लेके , न जाने कितनी साधना करके यहाँ तक पहुँचे है । अब यदि ये रेल छूट गईं , तो आगे दो ढाई हजार साल और ..इंतजार ..या फिर गुरुदेव ने जैसे गुरुमूर्तियाँ आठ्सौ वर्ष के लिए की है और आप अगले जन्मों की माया -मोह में नहीं फँसे तो शायद तब मुक्ति पाएँ । लेकिन तब का क्यों सोचें ? क्यों अभी नहीं हम मुक्ति पाएँ ? तो बिल्कुल चूकना नहीं है । इसी जन्म में इसी समय मुक्ति पाना है । क्यों की हम नहीं जानते कि ये पात्र , ये साधन , ये कब तक हमारे साथ है ' ना आप जानते है , ना मैं जानती हूँ । इसीलिए जब भी यहाँ से जाती हूँ तो आपको टा -टा , बाय -बाय करके जाती हूँ । पता नहीं फिर मिले ना मिले । गुरुवर की जो सुपरफास्ट बुलेट ट्रेन है , उसमें से कभी ना उतरे । बस यहि शुभ कामना । आप सभी बहूत- बहूत आगे बढ़े और मोक्ष तक पहुँचे यहि शुभकामना !
       🌿🌷जय बाबा स्वामी🌷🌿
           🌸🌸🌸🙏🌸🌸🌸
      ॥ परम वंदनीय पूज्या गुरुमाँ ॥
  गूरूपूर्णिमा -2016-कच्छ स.आ.
  पुनडी , भुज .

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