घर में धूप करो

घर में धूप करो। धूप करते हैं न .. धूप .. वो गोबर का जो कण्डा होता है , 'छाणा' गुजराती में बोलते हैं , तो उसको जलाकरके और फिर उसके ऊपर अजवाईन और कपूर , अजवाईन और कपूर , थोडा-सा घी। ये डालकरके जब हम सब जगह पुरे घर में घुमाते हैं इस प्रार्थना के साथ कि सभी दिशाओंं के , सभी कक्षोंं के , सभी कमरोंं के जितने भी दोष हैं वो दूर हो जाएंं। इस प्रार्थना के साथ या गुरु-नामस्मरण करते हुए हम धूप जब सब जगह घुमाते हैं, पूरे घर में , तो सारे दोष दूर होते हैं। और अजवाईन , कपूर और घी इसका कॉम्बिनेशन (मिश्रण) इतना अच्छा है क्योंकि ये कॉम्बिनेशन जो है न , ये हमारा विशुद्धि चक्र , आज्ञा चक्र , ये दो चक्रोंं पे तो वो सुपर्ब (बहुत अच्छे-से) काम करता है ... और हृदय चक्र। ये तीन चक्रोंं के ही अधिकांश दोष होते हैं और इन तीन चक्रोंं का यदि शुद्धिकरण हो जाता है इनसे। बाकी भी सूर्य नाडी के लिए भी बहुत अच्छे हैं , सूर्य नाडी के दोष , अहंकार वगैरह दूर करता है .. ये सब बहुत अच्छा कार्य करता है। तो धूप अवश्य कीजिए घर में।

आप धूप करके देखिए और विशेष तौर पर यदि आपको लगे कि आपकी स्थिति ही आज ठीक नहींं  है तो पक्का धूप आप ही कीजिए ताकि उसका सबसे ज्यादा लाभ आपको मिले। जो भी धूप करता है न , उसको सबसे ज्यादा लाभ मिलता है उसका।

एक और धूप से बहुत अच्छा-सा  लाभ है , वो है सर्दी-जुकाम में बहुत अच्छा लाभ है उसका। जो अक्सर होता है न , जैसे नाक-वाक बंद हो जाती है न , तो वो भी बहुत अच्छे-से खुलती है।

                       ---- पूज्या गुरुमाँ

मधुचैतन्य जनवरी २०१३ पृष्ठ:२४,२६

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